आप चाहे तो बीमार न पड़ें

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मानव शरीर ईश्वरीय उत्कृष्ट रचना है और आश्चर्यजनक रूप से इसकी अपने आप को स्वस्थ रखने की सुदृढ़ व्यवस्था भी है | प्रकृति ने इसकी नियमित स्वच्छता व सुरक्षा की हर तरह की व्यवस्था की है | यदि प्रकृति द्वारा प्रद्दत नियमों को हम समझें और उनका पालन करें तो हमारा शरीर कभी अस्वस्थ ही न हो  |

प्रायः रोग का कारण हमारी अपनी अज्ञानता, असावधानी और गलतियाँ होती हैं  | हम यहाँ कुछ सूत्रों की चर्चा करेंगे जिनको दैनिक जीवन में पालन किया जाय, तो हम कभी बीमार ही न पड़ें  |

पहला सूत्र उषःपान   
सुबह सूर्योदय से पहले उठें | इस समय प्राणवायु की मात्रा सर्वाधिक रहती है | इस वातावरण के प्रभाव से शरीर में उपयोगी रसायन स्रवित होते हैं और उर्जा एवं उत्साह का संचार होता है | पहले दो से तीन गिलास ताम्बे के बर्तन में रखा जल पियें  | नियमित शौच जाएँ – प्रतिदिन नियमित समय पर शौच जाने की आदत डालें, भले ही शुरू में कुछ दिनों तक पेट साफ़ न हो, पर धीरे-धीरे उस समय आपको स्वयं इसकी आदत लग जाएगी | उषः पान और निर्धारित समय पर शौच जाने से आपकी कब्ज दूर हो जाएगी |  समय से पूर्व बालों का सफ़ेद होना एवं झुर्रियों का आना रुकता है | दैनिक जीवन में पेशाब व पाखाना ( शौच) को कभी नहीं रोकना चाहिए – रोकने से कई बीमारियाँ होती हैं और कई बार गंभीर बिमारियों का कारण बनती हैं |  अतः दो वाक्यों को जीवन में आदत बना लें
                              ‘ जाये कि न जायें तो, जाना उचित
                              खाएं कि न खाएं तो, न खाना उचित ‘

अर्थात यह लगे कि शौच जाएँ कि न जाएँ तो जाना उचित है और खाने के बारे में लगे तो ‘न’ खाना उचित है

साथ ही सुबह दांतों व जीभ को साफ करें | खदिर, नीम, करंज, अपामार्ग, बब्बूल, अर्क या बिल्व की टहनी से दातुन करें और तत्पश्चात जिह्वा और मुख का प्रक्षालन करें | सुबहमुँह धोते समय मुँह में कुल्ला रखकर आँखों में साफ ठन्डे जल का छींटा मारें, इससे आँखों की रोशनी बढती है और आँखों की बीमारियाँ ठीक होती हैं |

रोज सुबह २-३ बूँद गरम करके ठंडा किया हुआ सरसों या तिल का तेल नाकों में डालना चाहिए,  इससे सिर, आँख, नाक के रोग नहीं होते |  नेत्र ज्योति बढती है | बाल काले- लम्बे होते हैं, समय से पूर्व न झड़ते व न सफ़ेद होते हैं |
स्नान से पहले शरीर की तेल मालिश करनी चाहिए |

नियमित आसन – व्यायाम करें | सूर्य नमस्कार, योग या अन्य दैनिक व्यायाम से शारीरिक सामर्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है | रक्त संचार बढ़ता है और कार्य क्षमता बढाती है l पाचन शक्ति ठीक होती है, मोटापा कम होता है |

प्रतिदिन स्नान अवश्य करें | सुबह स्नान करने से शरीर की गन्दगी दूर होने के साथ साथ मन शांत एवं प्रसन्नचित्त  रहता है |    


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